मदरबोर्ड क्या है? साथ ही जानें VPN से अपनी ऑनलाइन पहचान कैसे छुपाएं!

आज के डिजिटल युग में, कंप्यूटर और इंटरनेट हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। जहाँ मदरबोर्ड कंप्यूटर के सभी हिस्सों को एक साथ जोड़कर उसे कार्य करने योग्य बनाता है, वहीं VPN हमें ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षा और गोपनीयता प्रदान करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इन दोनों महत्वपूर्ण तकनीकों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

मदरबोर्ड क्या है? (What is Motherboard?)

मदरबोर्ड कंप्यूटर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक मुख्य प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) होता है, जो कंप्यूटर के सभी अलग-अलग पार्ट्स (components) जैसे कि प्रोसेसर (CPU), मेमोरी (RAM), ग्राफिक्स कार्ड, स्टोरेज डिवाइस (हार्ड ड्राइव, SSD), और अन्य पेरिफेरल (जैसे कीबोर्ड, माउस) को आपस में जोड़ता है।

मदरबोर्ड को मुख्य सर्किट बोर्ड (main circuit board), बेस बोर्ड (base board), या मेनबोर्ड (mainboard) जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।

मदरबोर्ड का महत्व:

कंप्यूटर के सभी कंपोनेंट्स मदरबोर्ड के साथ जुड़े होते हैं, और इसी कनेक्शन के बाद ही एक कंप्यूटर कार्यक्षम हो पाता है। मदरबोर्ड सबसे पहले मेन पावर सप्लाई (main power supply) से पावर प्राप्त करता है। इसके बाद, यह कंप्यूटर के सभी जुड़े हुए कंपोनेंट्स को उनकी जरूरत के अनुसार पावर डिस्ट्रीब्यूट (power distribute) करता है, जिससे वे सभी सही तरीके से काम कर सकें।

हालांकि कंप्यूटर के प्रत्येक पार्ट का अपना अलग कार्य होता है, लेकिन वे सभी तभी काम करेंगे जब वे मदरबोर्ड से कनेक्टेड हों। यदि कोई पार्ट मदरबोर्ड से नहीं जुड़ा है, तो वह कार्य नहीं कर पाएगा। आप मदरबोर्ड को कंप्यूटर का केंद्रीय तंत्रिका तंत्र मान सकते हैं, जो सभी हिस्सों के बीच संचार और संचालन को संभव बनाता है।

और पढ़ें मदरबोर्ड के बारे में और जानें (Learn more about Motherboard)

वीपीएन क्या है? (What is VPN?)

वीपीएन (VPN) का फुल फॉर्म है वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (Virtual Private Network)। यह एक ऐसा प्राइवेट नेटवर्क (private network) है जो इंटरनेट का उपयोग करने वाले यूजर (user) को एक सुरक्षित नेटवर्क (secure network) प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यूजर की पर्सनल इनफार्मेशन (personal information) और लोकेशन (location) को हैक (hack) होने से बचाना है। वीपीएन आपकी ऑनलाइन जानकारी को पूरी तरह से छुपाकर (hide) रखता है।

यह नेटवर्क यूजर की इंटरनेट पर सम्पूर्ण जानकारी की देखभाल करता है और उन सभी प्रतिबंधित सेवाओं (restricted services) और वेबसाइटों (websites) को यूजर तक पहुँचाता है जिन तक सामान्य रूप से पहुंचना संभव नहीं होता।

वीपीएन एक ऐसी नेटवर्क तकनीक है जो यूजर को इंटरनेट एक्सेस करने पर एक सुरक्षित कनेक्शन (secure connection) देती है। यह यूजर की निजी जानकारी (private information) को पब्लिक में फैलने से रोकती है और उसकी लोकेशन (location) को भी छुपाकर रखती है। इसलिए, वीपीएन तकनीक ऑनलाइन सुरक्षा और निजी जानकारियों को हैकर्स से बचाने के लिए बहुत सुरक्षित मानी जाती है।

वीपीएन कैसे काम करता है? (How VPN Works?)

जब हम अपने मोबाइल या कंप्यूटर से इंटरनेट एक्सेस करते हैं, तो हमारा डिवाइस सीधे हमारे होम नेटवर्क (home network) पर काम करता है, और हमारी वर्तमान लोकेशन (current location) दिखाई देती है। इस कारण हमारी कोई भी इनफार्मेशन (information) या महत्वपूर्ण फाइल्स इंटरनेट के माध्यम से हैक (hack) हो सकती हैं।

यहां पर वीपीएन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हमारी जानकारी को काफी सुरक्षित रखता है। जैसा कि इसका नाम है, वीपीएन एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (virtual private network) होता है। जब हम वीपीएन से इंटरनेट को कनेक्ट (connect) करते हैं, तो यह हमारे डिवाइस को एक प्राइवेट नेटवर्क (private network) प्रदान करता है।

इसके बाद, हम इंटरनेट पर कुछ भी चला सकते हैं, जो हमारे लिए पूरी तरह से सुरक्षित (secure) होता है। वीपीएन पर सभी डेटा को एन्क्रिप्टेड फॉर्म (encrypted form) में ट्रांसफर किया जाता है। इसके साथ ही, यह आपके डिवाइस के आईपी एड्रेस (IP address) को भी बदल (change) सकता है।

जब हम अपनी डिवाइस को वीपीएन से कनेक्ट करते हैं, तो हमारा इंटरनेट कनेक्शन एन्क्रिप्ट (encrypt) होने लगता है। यह हमारी लोकेशन (location) और आईपी एड्रेस (IP address) को बदलकर हमारी रिक्वेस्ट को इंटरनेट पर सेंड (send) करता है।

मान लीजिए, हम ब्राउज़र पर कोई क्वेरी टाइप करते हैं, तो वीपीएन हमारी लोकेशन और आईपी एड्रेस को बदलकर हमारी क्वेरी इंटरनेट पर भेजता है। इससे हमारा वर्तमान एड्रेस (present address) और रियल आईपी (real IP) छुपी रहती है। इस कारण हमारा पर्सनल डेटा सेफ (safe) रहता है, और हम हैकर्स से बच सकते हैं।

इसके अलावा, इंटरनेट पर हम किसी भी ब्लॉक कंटेंट (blocked content) को भी आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कोई ऐसी वीडियो जो हमारी लोकेशन पर ब्लॉक हो, उसे हम आसानी से देख सकते हैं। इसी तरह, कोई वेबसाइट, सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप ब्लॉक है, तो उसे भी वीपीएन के जरिए आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।

यह एक ऐसा प्राइवेट कनेक्शन (private connection) है जिसमें हम कोई भी वेबसाइट एक्सेस कर सकते हैं और किसी को पता नहीं चलता है कि इंटरनेट पर हम कौन सी वेबसाइट एक्सेस कर रहे हैं।

क्योंकि आईएसपी (ISP – Internet Service Provider) हमेशा हमारी क्वेरी पर नजर रखता है, लेकिन वीपीएन से कनेक्ट होने के बाद, जब हम ब्राउज़र पर या गूगल पर कुछ सर्च करते हैं, तो आईएसपी को वह पता नहीं चलता है। आईएसपी को लगता है कि हम वीपीएन सर्वर को एक्सेस कर रहे हैं। पर वीपीएन सर्वर हमें एक प्राइवेट कनेक्शन (private connection) प्रदान करता है, जिसके जरिए हम दुनिया की किसी भी वेबसाइट या सर्विस को एक्सेस कर सकते हैं, फिर चाहे आईएसपी ने उसे ब्लॉक ही क्यों ना कर रखा हो।

और पढ़ें – वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) क्या है? (What is a Virtual Private Network (VPN)?)

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