आज के डिजिटल युग में, कंप्यूटर हमारी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। चाहे महत्वपूर्ण डेटा स्टोर करना हो या जरूरी काम करना हो, हम हर चीज के लिए इन पर निर्भर करते हैं। लेकिन क्या हो अगर अचानक बिजली चली जाए? आपके सारे किए धरे पर पानी फिर सकता है, और सबसे बुरा तो यह है कि आपका कीमती डेटा भी खो सकता है। इसीलिए कंप्यूटर में UPS और Input Devices का सही इस्तेमाल बेहद जरूरी है। UPS आपके सिस्टम को चालू रखता है और Input Devices की मदद से आप उसमें डेटा एंटर करते हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम जानेंगे कि यूपीएस क्या है, यह कैसे काम करता है, और साथ ही कंप्यूटर में डेटा इनपुट करने के लिए इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण डिवाइस इनपुट डिवाइस (Input Devices) के बारे में भी चर्चा करेंगे।
यूपीएस क्या है? (What is UPS?)
यूपीएस (UPS) का फुल फॉर्म है “Uninterrupted Power Supply”, जिसका हिंदी में अर्थ होता है “अबाधित विद्युत आपूर्ति”। यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स के साथ एक बैटरी भी लगी होती है।
आसान शब्दों में कहें तो, यूपीएस एक ऐसा डिवाइस है जो बिजली गुल होने पर भी आपके कंप्यूटर और अन्य संवेदनशील उपकरणों को कुछ समय के लिए पावर सप्लाई जारी रखता है।

यूपीएस का उपयोग कब किया जाता है?
इसका मुख्य उपयोग तब होता है जब आपके घर या ऑफिस की मुख्य बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है। यूपीएस तुरंत बैटरी से पावर लेकर आपके कनेक्टेड डिवाइस को बिजली देना शुरू कर देता है।
यूपीएस क्यों जरूरी है?
कंप्यूटर में हमारी महत्वपूर्ण फाइल्स और डेटा होते हैं। अचानक बिजली चले जाने पर इन फाइलों के करप्ट होने या खो जाने का खतरा रहता है। यूपीएस का उपयोग करके, बिजली जाने के बाद भी आपके कंप्यूटर को कुछ मिनटों तक पावर मिलती रहती है, जिससे आपको अपने काम को सुरक्षित रूप से सेव करने और सिस्टम को शट डाउन करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
यूपीएस कैसे काम करता है? (How UPS Works?)
एक यूपीएस मुख्य रूप से तीन यूनिट्स से मिलकर बना होता है:
- रेक्टिफायर (Rectifier): रेक्टिफायर का काम मुख्य बिजली स्रोत (Main Electric Power) से आने वाले एसी (AC) करंट को यूपीएस में इनपुट के तौर पर लेना है। सामान्य स्थिति में, जब बिजली आ रही होती है, तो रेक्टिफायर इस एसी करंट को डीसी (DC) करंट में बदलता है।
- बैटरी (Battery): डीसी करंट का उपयोग यूपीएस के अंदर लगी बैटरी को चार्ज करने के लिए किया जाता है। बैटरी में ही बिजली स्टोर होती है, जो बिजली गुल होने पर कंप्यूटर को पावर सप्लाई करने में सक्षम बनाती है। बैटरी यूपीएस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- इनवर्टर (Inverter): जब मुख्य बिजली की आपूर्ति बंद हो जाती है, तो बैटरी में स्टोर डीसी करंट सीधे कंप्यूटर को नहीं दिया जा सकता क्योंकि कंप्यूटर को एसी (AC) करंट की आवश्यकता होती है। यहीं पर इनवर्टर की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। इनवर्टर बैटरी में स्टोर डीसी पावर को वापस एसी करंट में बदलता है और फिर इसे कंप्यूटर को सप्लाई करता है। बिजली कटते ही इनवर्टर तुरंत सक्रिय हो जाता है।
संक्षेप में, सामान्य स्थिति में यूपीएस बिजली से चलता है और अपनी बैटरी को चार्ज रखता है। बिजली गुल होने पर, यह तुरंत बैटरी पावर पर स्विच कर जाता है और इनवर्टर की मदद से आपके उपकरणों को एसी पावर सप्लाई करता रहता है।
और पढ़ें: यूपीएस कैसे आपके डेटा को सुरक्षित रखता है?
इनपुट डिवाइस क्या हैं? (What are Input Devices?)
अब बात करते हैं उन उपकरणों की जिनकी मदद से हम कंप्यूटर को निर्देश देते हैं और उसमें डेटा एंटर करते हैं। इन उपकरणों को इनपुट डिवाइस (Input Devices) कहा जाता है।
इनपुट डिवाइस एक प्रकार के हार्डवेयर डिवाइस होते हैं जो कंप्यूटर में डेटा और निर्देशों को भेजने में मदद करते हैं। दूसरे शब्दों में, वे डिवाइस जो कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देने का काम करते हैं, इनपुट डिवाइस कहलाते हैं। ये यूजर को कंप्यूटर से बातचीत करने में सहायक होते हैं।
यह ऐसी डिवाइस होती हैं जो हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करके सीपीयू तक पहुंचाती हैं। जिस डिवाइस से हम कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देते हैं, उसे इनपुट डिवाइस कहा जाता है। यह एक तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसकी सहायता से हम कंप्यूटर को इनपुट देते हैं।

कुछ सामान्य इनपुट डिवाइस के उदाहरण:
- कीबोर्ड (Keyboard): कीबोर्ड एक महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है जिसमें कई बटन होते हैं। इसका उपयोग मुख्य रूप से कंप्यूटर में टेक्स्ट, डेटा और सिंबल एंटर करने के लिए किया जाता है। लैपटॉप कीबोर्ड, मल्टीमीडिया कीबोर्ड, गेमिंग कीबोर्ड आदि इसके विभिन्न प्रकार हैं।
- माउस (Mouse): माउस एक हार्डवेयर इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग स्क्रीन पर कर्सर या प्वाइंटर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसकी मदद से हम आइकन, बटन और मेनू पर क्लिक कर सकते हैं। यह ऑप्टिकल और मैकेनिकल दो प्रकार का होता है और कंप्यूटर तथा यूजर के बीच एक इंटरफेस की तरह काम करता है।
- स्कैनर (Scanner): स्कैनर एक इनपुट डिवाइस है जो किसी भी पेज, डॉक्यूमेंट या फोटो को स्कैन करके सीधे कंप्यूटर में भेजता है। स्कैन किए गए डॉक्यूमेंट या फोटो को बाद में एडिट भी किया जा सकता है।
- माइक्रोफोन (Microphone): माइक्रोफोन एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग आवाज रिकॉर्ड करने या फ़ोन पर बात करने के लिए किया जाता है। यह यूजर द्वारा बोली गई आवाज को रिकॉर्ड करके कंप्यूटर या मोबाइल में इनपुट के तौर पर भेजता है।
विस्तार में पढ़ें: कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस कितने प्रकार के होते हैं?